शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्म दिवस मनाया गया : सेनानी उत्तराधिकरियों ने भारत की आजादी में उनके योगदान व समर्पण पर की चर्चा
 
                    Kunwar Diwakar Singh
Sun, Sep 28, 2025 
            
            बहराइच। स्थानीय सेनानी भवन सभागार में सेनानी उत्तराधिकारियों ने स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी शहीद-ए-आजम भगतसिंह का जन्म दिवस मनाया। उपस्थित जनों ने भारत की आजादी में उनके अतुलनीय योगदान और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण की चर्चा की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संगठन संरक्षक एवं पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने कहा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड से प्रेरित होकर उन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया। लाला लाजपतराय की मौत के विरोध में उन्होंने अपने साथियों के साथ साण्डर्स की हत्या कर दी। अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन राज्य इकाई उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक महामंत्री रमेश कुमार मिश्र ने कहा कि लाहौर षडयंत्र केस में दोषी पाए जाने पर 23 मार्च 1931 को अपने साथियों सुखदेव, राजगुरु के साथ उन्हें फांसी दे दी गई। उसके पहले भगतसिंह ने मैं नास्तिक क्यों हूं और जेल डायरी जैसी कृतियां प्रकाशित की। बम फेंकने के बाद उन्होंने खुद को गिरफ्तार कराया। सामाजिक कार्यकर्ता मुकुन्द शुक्ल शेरा ने कहा कि भगतसिंह उस समय के स्नातक थे, और वैचारिक क्रांति के हिमायती थे। कार्यक्रम में विनोद त्रिपाठी, रामरूप मिश्र, देवमणि शुक्ला, सूफियान अली, त्रियुगी नारायण सहित तमाम देश भक्त मौजूद रहे।
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