नाव हादसे में लापता लोगों की तलाश जारी : खराब मौसम बना रेस्क्यू आपरेशन में बाधक
Kunwar Diwakar Singh
Thu, Oct 30, 2025
बहराइच। तहसील मोतीपुर अन्तर्गत ग्राम भरथापुर में बुधवार सायं हुए नाव हादसे में लापता लोगों की तलाश जारी है। राहत बचाव में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसएसबी, पीएसी, जिला प्रशासन की आपदा राहत टीम तथा स्थानीय गोताखोरों एवं नागरिकों के सहयोग से रेस्क्यू आपरेशन संचालित किया जा रहा है। पुलिस व प्रशासन की टीमें लगी हुई है। मण्डलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील, आईजी अमित पाठक, जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक रामनयन सिंह व अन्य सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा मौके पर कैम्प कर रेस्क्यू कार्य के संचालन का नेतृत्व किया जा रहा है। पर खराब मौसम के चलते रेस्क्यू आपरेशन में समस्यायें आ रही है। अंधेरा होने के चलते रेस्क्यू कार्य रोक दिया गया है। समाचार लिखे जाने तक गुरूवार को दूसरे दिन किसी भी लापता व्यक्तियों का शव नहीं मिल सका। नदी के किनारे लापता व्यक्तियों के परिजनों का करूण कंदन जारी है। जो भावुक कर देने वाला है। गौरतलब हो कि बुधवार सायं नदी के उस पार बसे भरथापुर के ग्रामीण जनपद लखीमपुर के खैरटिया बाजार में खरीददारी करने गए थे। देर सायं 6 बजे वापस लौटते समय कौडियाला नदी में तेज बहाव के चलते नाव पेड़ से टकरा गई थी। नाव पर कुल 21 व्यक्ति सवार थे। जिसमें से 13 किसी तरह तैरकर जान बचाकर बाहर निकल आये थे। जबकि 08 व्यक्ति लापता हो गए थे। जिसमें से एक महिला का शव देर रात्रि तक बरामद किया जा चुका था। शेष अन्य सात अभी भी लापता है। लापता लोगों में नाविक मिहिलाल यादव पुत्र स्व. पुतई उम्र 38 वर्ष, शिवनंदन मौर्य पुत्र शालिगराम उम्र 50 वर्ष, सुमन पत्नी प्रमोद मौर्या उम्र 28 वर्ष, सोहनी पुत्री प्रमोद उम्र 5 वर्ष, शिवम पुत्र रामनरेश मौर्य उम्र लगभग 9 वर्ष, मृतक रमजैया पत्नी अज्ञात निवासी भगगड़वा उम्र लगभग 60 वर्ष का शव मिल गया है, रमजैया के 2 पोते उम्र 7 साल व 10 साल तथा शांति पत्नी पंचम की पुत्री 5 वर्ष अभी भी लापता है।
घड़ियाल व मगरमच्छ बने रेस्क्यू आपरेशन में बाधक
बहराइच। नाव हादसे के बाद गोताखारों की पचास सदस्यीय टीम लगभग 7 किलोमीटर एरिया में सर्च आपरेशन चला रही है। शाम को अंधेरो होने के चलते सर्च आपरेशन रोक दिया गया है। नदी में मगरमच्छों के होने के चलते कोई भी गोताखोर नदी में नहीं उतर सका। कौडियाला व गेरूआ नदी में करीब एक हजार मगरमच्छ बताये जा रहे है। ऐसे में आशंका यह भी है कि डूबे लोगों के शवों को मगरमच्छ या घडियाल तो नहीं खा गए। हालांकि बैराज से छोड़े गए पानी को बंद कर दिया गया है। फिर भी रेस्क्यू आपरेशन में अभी भी बधाए आ रही है।
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