ज्ञान-वैराग्य भक्ति की कथा में खूब लगे जयकारे : श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन ज्ञान-वैराग्य की कथा का किया वर्णन
Kunwar Diwakar Singh
Mon, Oct 27, 2025
महसी, बहराइच। ब्लाक महसी क्षेत्र के गोविन्दपुर (कोठार) निवासी मुख्य यजमान राम प्रताप पाल के निवास पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन रविवार को प्रवाचक रमेश गिरि महाराज ने ज्ञान-वैराग्य की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि देवर्षि नारद जी विचरण करते हुए एक दिन यमुना के किनारे से गुजरे तो किसी के रोने की आवाज कानों में पड़ी। करीब जाकर देखा कि एक तरुणी नारी बैठी सिसकियाँ ले लेकर रो रही थी। उसके ही समीप दो बूढ़े पुरुष बेखबर से सो रहे थे। देवर्षि जी ने सुखसदनी कह संबोधित करते हुए परिचय के साथ उस निर्जन स्थान पर उसके रोने का कारण पूछा, तो उस देवी ने खुद को भक्ति व उन दोनों को ज्ञान-वैराग्य होने का परिचय दिया। माँ जवां व बेटे बूढ़े यह कैसे संभव है। भक्ति ने कहा कि यह कलयुग का प्रभाव है कि मेरे दोनों जवां बेटे बूढ़े हो गये। प्रवाचक इन दिनों सहयोगी आचार्य शिव कुमार मिश्रा व वादक कौशल किशोर शुक्ला आदि के साथ कथा के माध्यम से संगीतमय प्रस्तुति दे रहे हैं। इस दौरान पुत्तीलाल पाल, राज कुमार, सीता राम, सोनू, महाराजा देवी, अंशिका, प्रिया, ऊषा, नीता, मधू आदि लोग उपस्थित रहे।
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