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मोर हीरा हेराय गयो चपरेन मां, कोई पुरबै कोई पंछुवे बतावे... : गुरुजी गुलाब चन्द्र शुक्ल को समर्पित काव्य-संग्रह राम नाम गमछा गले” का विमोचन

Kunwar Diwakar Singh

Thu, Oct 23, 2025

बहराइच। जानकी मंदिर हरिनगर हमजापुरा में अन्नकूट के पर्व पर भंडारे के साथ ही अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के तत्वावधान में एक सरस काव्य गोष्ठी आयोजित हुई। सभा में भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व जिलाध्यक्ष गुलाब चन्द्र शुक्ल को समर्पित राम नाम गमछा गले शीर्षक काव्य संग्रह का विमोचन संपन्न हुआ। राम सूरत वर्मा ‘जलज‘ ने पुस्तक में प्रकाशित अपनी पंक्तियों को पढ़ते हुए कहा, “राम नाम गमछा गले, मंडित तिलक लिलार। धर्म सनातन के रहे, वे झंडा-बरदार।“ शिव कुमार सिंह रैकवार ने पढ़ा, हिय से निकसै मिसरी सी घुली अघरान बनै मुस्कान नियारी। छिद्र ही छिद्र भरे तन में तबहूँ मुरली घनश्याम पियारी।। राधाकृष्ण पाठक, डा दीनानाथ मिश्र एवं रवि पाठक गुलशन ने भक्तिमय भजन प्रस्तुत किये। रमेश चन्द्र तिवारी ने कहा, मंदिर में नारायण रहते वहीं शान्ति आनन्द वहीँ, मधुशाला में मिट जाने से अब तक कोई बचा नहीं। गुलाब चन्द्र जायसवाल, गिरीश जायसवाल एवं विमलेश जायसवाल ने राष्ट्रवादी ओज की कविताओं से श्रोताओं को राष्ट व् धर्म के प्रति प्रेरित किया। संत राम वर्मा श्वेताल ने लोक गीत के मधुर स्वर बिखेरे, मोर हीरा हेराय गयो चपरेन मां, कोई पुरबै कोई पंछुवे बतावे, कोई बतावे पानी पथरेन मां। अशोक पांडेय गुलशन ने पढ़ा, हरदम हसते रहते थे वो किन्तु कभी जब रोये तो, सबसे अपनी आँख बचाकर छुपकर रोए बाबूजी। वेदमित्र शुक्ल ने प्रस्तुत किया, सुन्दर में भी सुन्दर चुनना मुश्किल होता है, जल्दी में यों तुमसे मिलना मुश्किल होता है। हजारी लाल कश्यप ने वाचन किया- सर धर मटकी मटकी मुंह मटकाय के चली, इतराती इठलाती तू बलखाय के चली। विनोद पाण्डेय ने व्यंग्य रचना से हास्य का वातावरण बनाया। इसके अतिरिक्त प्रेम जालान, अनुष्का अनघ, मनोज मिश्र तन्हा, सुनील जायसवाल, विष्णु कान्त श्रीवास्तव ने भी अपनी रचनाओं का वाचन किया। इस मौके पर पयागपुर विधायक सुभाष त्रिपाठी, पूर्व बीजेपी सांसद अक्षयबर लाल गौड़, अशोक जायसवाल, कैलाश नाथ डालमिया, नगर कार्यवाह भूपेंद्र सिंह, आयुष जायसवाल, डीजीसी अजय शर्मा, गुरु प्रसाद सिंह जायसवाल, मंजू पाठक, अनिल कुमार द्विवेदी, विनोद कुमार मिश्र, मंगल प्रसाद, शिव प्रसाद, यज्ञ प्रसाद शुक्ल, अंजनी कुमार निषाद, दुर्गेश दत्त सिंह आदि महानुभावों की उपस्थित रही।

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