सुहागिनों ने पतियों के दीर्घायु की कामना लेकर रखा करवा चौथ व्रत : चांद को अर्ध्य देकर तोड़ा व्रत
Kunwar Diwakar Singh
Fri, Oct 10, 2025
बहराइच। पतियों की दीर्घायु की कामना को लेकर सुहागिनों ने करवा चौथ का व्रत रखा। महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर चन्द्र दर्शन के बाद अर्ध्य देकर पूजन-अर्चन कर व्रत तोड़ा। सुहागिनों ने पति के दीर्घायु की कामना कर पूरी तरह सज धजकर दिन भर उनके इंतजार में व्रत रखकर रात्रि में चलनी में चन्द्रदेव का दर्शन कर उन्हें अर्ध्य देकर पति परमेश्वर का दीदार करने के बाद पैर छूकर आशीर्वाद लिया और अपनी मांगी मुराद पाकर अन्न जल ग्रहण किया। गौरतलब हो कि करवा चौथ त्यौहार को लेकर महिलाओं द्वारा बीते एक महींने से तैयारियां की जा रही थी। साड़ियां, चूड़िया सहित श्रृंगार का सामान खरीदने में महिलाएं व्यस्त देखी गई। व्यूटीपार्लरों में मेंहदी रचाने को लेकर भारी संख्या में महिलाएं पहुंची। बाजारों में भी चहल पहल बनी रही। मिट्टी के कलश की बिक्री बाजारों में खूब हुई। महिलाओं में करवा चौथ व्रत को लेकर खासा उत्साह रहा। शाम होते ही आसमान की तरफ चन्द्र दर्शन की आस में महिलाओं ने टकटकी लगा रखी थी। चन्द्र दर्शन के बाद चलनी में पति का चेहरा देखकर महिलाओं ने व्रत तोड़ा व आर्शीर्वाद लिया। पूजन के समय कहानियां व किस्से भी सुनाये गए। गौरी गणेश तथा करवा माता की पूजा की गई। करवा चौथ को लेकर पौराणिक कथा है कि वीरवती अपने शादी के पहले साल करवा चौथ का जब व्रत रखा तो उसकी हालत बिगड़ने लगी। यह देखकर भाईयों ने उसे चांद निकलने से पहले ही छलनी में जलता हुआ दिया रखकर पेड़ की ओट में चन्द्रमा का दीदार करा दिया। जिसके चलते वीरवती द्वारा छलनी में बनाये गए दिये को चांद समझकर व्रत तोड़ दिया। जिसके बाद उसके पति की मौत हो गई। दुखी होकर वह अगले वर्ष तक पति के शव को सुरक्षित रखकर करवा चौथ व्रत का इंतजार करने लगी। अगले साल करवा चौथ पर उसने नियम पूर्वक व्रत रखा तो भगवान प्रसन्न हुए व उसके पति को जीवित कर दिया। तभी से करवा चौथ व्रत की महत्ता और बढ़ चली है।
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