भाईयों को तिलक कर बहनों ने की खुशहाली की कामना : भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और विश्वास का अनमोल उत्सव भाई दूज पर्व
Kunwar Diwakar Singh
Thu, Oct 23, 2025
बहराइच/कैसरगंज। भाई और बहन के पवित्र बंधन का प्रतीक भैया दूज का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने अपने भाईयों के माथे पर तिलक कर मुंह मीठा कराया। दिवाली के तीन दिन बाद आने वाला भैया दूज ऐसा पर्व है जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती है। भाईदूज में हर बहन रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्जवल भविष्य के लिए आशीष देती है। भाई अपनी बहन को कुछ उपहार या दक्षिणा देता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाले इस इस त्यौहा को यमद्वितीया भी कहते है। कार्तिक मास की दूज का पावन पर्व कैसरगंज क्षेत्र में पारंपरिक उल्लास, स्नेह और अपनत्व के साथ धूमधाम से मनाया गया। यह पावन तिथि भाई-बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और पारिवारिक एकता का प्रतीक बन गई। सुबह से ही घरों में पूजा-अर्चना, दीप सज्जा और मिठाइयों की खुशबू से वातावरण आनंदमय हो उठा। बहनों ने स्नान-पूजा अर्चना के बाद अपने भाइयों का तिलक, आरती और अक्षत-रोली से पूजन कर दीर्घायु, सुख-समृद्धि और मंगलकामना की। भाइयों ने भी बहनों को उपहार भेंट कर जीवनभर उनके सम्मान और सुरक्षा का संकल्प लिया। घर-आँगन में सजे दीपों और खुशियों के रंगों ने रिश्तों में नई ऊष्मा और आत्मीयता घोल दी। इस अवसर पर हर घर में हर्षोल्लास का माहौल रहा। बच्चे मिठाइयों का आनंद लेते नजर आए तो बुजुर्ग आशीर्वाद देते हुए प्रसन्न दिखे। महिलाओं ने सज-संवर कर पारंपरिक परिधान में पूजा की और परिवार के साथ इस शुभ दिन को उल्लासपूर्वक मनाया। शहर से लेकर गांव तक दीपों की रौशनी, रंगोली की सजावट और पारिवारिक एकता का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। दूज के इस पावन पर्व ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि समय चाहे कितना भी बदल जाए, भारतीय संस्कृति में भाई-बहन का पवित्र बंधन सदैव अटूट और प्रेरणादायी रहेगा।
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