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आक्रान्ताओं का नहीं राष्ट्र नायकों का होगा अब सम्मानः योगी आदित्यनाथ : चित्तौरा में महाराजा सुहेलदेव के स्मारक का किया लोकार्पण

कुंवर दिवाकर सिंह

बहराइच। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को जिले के चित्तौरा स्थित महाराजा सुहेलदेव स्मारक का लोकार्पण किया। महाराजा सुहेलदेव की 40 फिट ऊंची कास्य निर्मित घोड़े पर सवार प्रतिमा का अनावरण भी किया। मुख्यमंत्री द्वारा 511.82 करोड़ लागत की 272 परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया तथा 731.54 करोड़ की लागत की 112 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया गया। विकास खण्ड चित्तौरा के मसीहाबाद में अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां महाराजा सुहेलदेव का गुणगान किया वहीं गाजी की गाथा गाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए सपा व कांग्रेस पर जमकर निशाना भी साधा। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस व सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराजा सुहेलदेव सहित अन्य महापुरूषों को पहले सम्मान क्यों नहीं मिला। उन्होंने कहा कि एक हजार वर्ष पूर्व महाराजा सुहेलदेव ने विदेशी आक्रान्ताओं को जो जवाब देने की मिसाल पेश की थी लेकिन इतिहास में उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए था वह नहीं मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास व विरासत के अभियान को बढ़ाते हुए भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उन्हें सम्मान देने का संकल्प लिया था जिसके क्रम में बहराइच में महाराजा सुहेलदेव के नाम से मेडिकल कालेज, अस्पताल का नाम बालार्क ऋषि तथा आजमगढ़ के राज्य विश्वविद्यालय का नाम भी महाराजा सुहेलदेव के नाम पर रखा गया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम महापुरूषों के प्रति सम्मान दर्शाता है। बहराइच का मुख्य आयोजन महाराजा सुहेलदेव, बालार्क ऋषि व इस मण्डल का मुख्य आयोजन मां पाटेश्वरी के नाम पर होगा। किसी विदेशी आक्रान्ता के नाम पर नहीं। उन्होंने कहा कि महाराजा सुहेलदेव शौर्य व पराक्रम के प्रतीक है। भाजपा की सरकार उनके साथ नाइंसाफी नहीं होने देगी। उन्होंने सपा व बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इन पार्टियों को पहले वोट बैंक की चिंता थी कि कहीं महापुरूषों का नाम रखने पर तुष्टिीकरण की नीति न फेल हो जाये। मुस्लिम वोट बैंक के चलते यह पार्टियां कभी भी विदेशी आक्रान्ताओं के खिलाफ नहीं बोलती थी। जब भाजपा देश व प्रदेशों में लौह पुरूष सरदार बल्लभभाई पटेल जयंती मना रही थी तो समाजवादी पार्टी देश को तोड़ने वाले जिन्ना का गुणगान करने में लगी थी। जब हम लोग महाराजा सुहेलदेव विजयोत्सव मनाने की बात करते थे तो सपा व कांग्रेस में होड़ लगती थी कि गाजी मिया का विवाह होना चाहिए। हमने कहा कि विदेशी आक्रान्ताओं का महिमा मंडन बंद होना चाहिए। राष्ट्र नायकों का सम्मान होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने गाजी के नाम पर होने वाले आयोजनों को इस बार पूरी तरीके से बंद कराने वालों को धन्यवाद भी दिया और कहा कि एक हजार वर्ष पहले विदेशी आक्रान्ताओं को जवाब देने की मिसाल जो महाराजा सुहेलदेव ने प्रस्तुत की थी भाजपा की डबल इंजन सरकार ने उन्हें सम्मान देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने महाराजा बलभद्र सिंह के जन्म दिवस पर भी उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हें भी मंच से याद किया। उन्हांेने कहा कि गजनी से विदेशी आक्रान्ता सलार मसूद गाजी तीन लाख की सेना लेकर भारत को लूटने चला था लेकिन महाराजा सुहेलदेव ने अपनी कूटनीति से मथुरा से लेकर बहराइच तक उसके लिए बाधाए खड़ी की। यहां तक पहुंचते-पहुंचते उसकी आधी सेना समाप्त हो चुकी थी। चित्तौरा में महाराजा सुहेलदेव के साथ 20-25 हजार रणबांकुरो ने सैयद सालार मसूद के डेढ़ लाख आक्रान्ताओं को गाजर, मूली की तरह काट डाला गया था। उसे जिंदा पकड़ लिया गया था। उसे एसी सजा हुई जो इस्लाम के अनुसार जहन्नुम में जाने की गारंटी देता है। उन्होंने कहा कि लोगों का उत्साह बता रहा है कि मेला महाराजा सुहेलदेव का होना चाहिए मसूद गाजी का नहीं। आप सबका उत्साह यह दर्शा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा महाराजा सुहेलदेव के नाम पर पांच बच्चों का नामकरण किया तथा कुछ बच्चों का अन्नप्रासन भी कराया। इससे पूर्व समारोह में छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती, गणेश वंदना, हनुमान चालीसा, शिव ताण्डव व नारी सशक्तीकरण पर आधारित रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर, सांसद आनन्द गोड़, महसी विधायक सुरेश्वर सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेश पाण्डेय, पयागपुर विधायक सुभाष त्रिपाठी, सदर अनुपमा जायसवाल, नानपारा राम निवास वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू सिंह, एमएलसी पदमसेन चौधरी, डा.प्रज्ञा त्रिपाठी, पूर्व कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, सुभासपा अरविन्द राजभर, वरूण राजभर, राजा यशुवेन्द्र विक्रम सिंह सहित भारी संख्या में भाजपाई व सम्भ्रान्त व्यक्ति मौजूद रहे।

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